इन दिनों
कुछ ऐसा रहा है हाल हमारा इन दिनों.
नही इक पल भी चैन गवारा इन दिनों.
तुम नही थी मेरी चाहतों में शामिल कभी.
फिर क्यों शबभर ख्वाब तुम्हारा है इन दिनों.
कैसी दिवानगी है कि आईने में भी.
तेरा ही चेहरा नजर आता है इन दिनों.
सारी दुनिया के ठुकरायें हैं हम यारा.
अब तो बस इक तेरा सहारा है इन दिनों.
बहुत प्यार, मोहब्बत, इश्क करते हो दीप.
क्या सच में तुमने दिल हारा है इन दिनों.
✍️✍️…दीप