इन्सान बन रहा महान
तू भी है इंसान, वो महात्मा भी तो इंसान है
गरूर न कर इस दुनिया में, हम सब इंसान हैं
कर्म कर्म का अपना अपना हिसाब है यहाँ
कोई फ़क़ीर है तो कोई बहुत ही धनवान हैं !!
हंसती तो देख चूका हूँ महात्माओं की मैं
कोई जेल में है तो कोई इस बेदर्द जहान मैं
कोई पड़ा चक्कर में धन के, कोई यौवन मैं
गरीब की कुटिया खाली हो गयी तूफ़ान से !!
क्यूं पूजा जाता है आज शैतान इस जहान मैं
लोगो ने गैर बना दिया भगवान् भी इस जहान मैं
चमचो ने घर बना लिया मंदिर और दरबार मैं
ठोकर खा रहा आज सीधा इंसान, इस जहान मैं!!
पूजा की जा रही, दिखावा बहुत साथ हो रहा
आरती उतार रही नारी , बहुत अन्याय यही हो रहा
नजर बड़ी गन्दी हो गयी , अब तो उस शैतान की
बच कर चल रहा आम इंसान, बस इस जहान मैं !!
अजीत तलवार
मेरठ