Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2019 · 1 min read

इन्तहा

इन्तहा
———–
बहुत कुछ दरक गया है मेरे अन्दर
देखकर,सुनकर
पल भर में बेजान होते इंसानी जिस्म
वातावरण में फैलती बारुदी गंध
कामयाब होते इन्सानी नफ़रत
फैलाने के मंसूबे
बेगुनाहों की सुनाई देती चीखें
अपनों को हमेशा के लिए खो देने का दर्द
टूटते बिखरते अनगिनत ख्व़ाब
सूनी होती मांग और कलाई
सभी अपने इन हालात पर
अपना गुनाह पूछते
आसमान को ताकती पथराई आँखें
ज़िन्दगी को अब भार समझते बुजुर्ग
एक दूसरे की आँखों में झांकते
अपना कल तलाशते जवान
इन सबसे बेखबर नन्हे बच्चे
हक़ीकत से अनजान
अपनों को ताकते हुए
शुरू होता श्रद्धांजलि देने का सिलसिला
सिलसिला थमने से पहले
शुरू होता ऐसा ही एक और सिलसिला
इन्तहा हो गई है
रोकना होगा इसे हर हालत में
जोश से होश में हम सब को मिलकर…………..
— सुधीर केवलिया

Language: Hindi
554 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नया
नया
Neeraj Agarwal
मतलबी ज़माना है.
मतलबी ज़माना है.
शेखर सिंह
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
तुम ही सौलह श्रृंगार मेरे हो.....
Neelam Sharma
अस्तित्व पर अपने अधिकार
अस्तित्व पर अपने अधिकार
Dr fauzia Naseem shad
चरचा गरम बा
चरचा गरम बा
Shekhar Chandra Mitra
💐प्रेम कौतुक-343💐
💐प्रेम कौतुक-343💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
देते ऑक्सीजन हमें, बरगद पीपल नीम (कुंडलिया)
देते ऑक्सीजन हमें, बरगद पीपल नीम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
योग
योग
लक्ष्मी सिंह
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
चांद पर पहुंचे बधाई, ये बताओ तो।
सत्य कुमार प्रेमी
एक पूरी सभ्यता बनाई है
एक पूरी सभ्यता बनाई है
Kunal Prashant
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
जब ख्वाब भी दर्द देने लगे
Pramila sultan
श्री राम का जीवन– गीत
श्री राम का जीवन– गीत
Abhishek Soni
ये मेरा हिंदुस्तान
ये मेरा हिंदुस्तान
Mamta Rani
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
जुल्फें तुम्हारी फ़िर से सवारना चाहता हूँ
The_dk_poetry
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कोरोना महामारी
कोरोना महामारी
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
यूँ ही क्यूँ - बस तुम याद आ गयी
Atul "Krishn"
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
नई पीढ़ी पूछेगी, पापा ये धोती क्या होती है…
Anand Kumar
ऐसा क्यों होता है..?
ऐसा क्यों होता है..?
Dr Manju Saini
फीसों का शूल : उमेश शुक्ल के हाइकु
फीसों का शूल : उमेश शुक्ल के हाइकु
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तो जानो आयी है होली
तो जानो आयी है होली
Satish Srijan
3205.*पूर्णिका*
3205.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
ख्वाब हो गए हैं वो दिन
shabina. Naaz
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
ज़रा पढ़ना ग़ज़ल
Surinder blackpen
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
ruby kumari
***दिल बहलाने  लाया हूँ***
***दिल बहलाने लाया हूँ***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#मुक्तक
#मुक्तक
*Author प्रणय प्रभात*
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
आप कौन है, आप शरीर है या शरीर में जो बैठा है वो
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
Loading...