इन्तज़ार कब खत्म होगा
ये दिल कुछ कह पाता नहीं
तू भी कभी पास आता नहीं
बस एक इन्तज़ार है तेरा, जो
तुझसे मिले बिना जाता नहीं।।
बहुत हो गया समय तुझे देखे बिन
कई बदले है मौसम अब तेरे बिन
है मुझे इंतज़ार तुझसे मिलने का
अधूरी लग रही है ज़िंदगी तेरे बिन।।
ज़िंदगी की सुबह की तलाश थी
मुझे तो केवल तुझसे मिलने की आस थी
जाने कितना पानी पी गया हूं मैं
जो तेरे बिन न बुझेगी ये कैसी प्यास थी।।
अब सपने देखता रहता हूं मैं तो बस
सपनों में तुझको ही देखता हूं मैं तो बस
जाने कब होगा मेरा ये इंतज़ार खत्म
तुझे सामने देखना चाहता हूं मैं तो बस।।
एक दिन हकीकत मेरे सपने भी होंगे
आएगा वो समा जब सामने तुम भी होंगे
है यकीन मेरा इंतज़ार होगा खत्म कभी
होगी महफिल, जिसमें साथ तुम भी होंगे।।
ले जायेगी नहीं अब ये मौत भी मुझे
देखना चाहती है शायद वो भी तुम्हें
मेरी मौत का इंतज़ार अब खत्म करो
मिलना चाहती है शायद वो भी तुम्हें।।
बैठा हूं चांदनी में, फिर से मैं आज
इन्तज़ार में है तेरे ये चांद भी आज
नूर तेरा देखना चाहता है ये भी आज
इन्तज़ार खत्म हो, हमारा भी आज।।