Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Dec 2021 · 1 min read

इन्तज़ार कब खत्म होगा

ये दिल कुछ कह पाता नहीं
तू भी कभी पास आता नहीं
बस एक इन्तज़ार है तेरा, जो
तुझसे मिले बिना जाता नहीं।।

बहुत हो गया समय तुझे देखे बिन
कई बदले है मौसम अब तेरे बिन
है मुझे इंतज़ार तुझसे मिलने का
अधूरी लग रही है ज़िंदगी तेरे बिन।।

ज़िंदगी की सुबह की तलाश थी
मुझे तो केवल तुझसे मिलने की आस थी
जाने कितना पानी पी गया हूं मैं
जो तेरे बिन न बुझेगी ये कैसी प्यास थी।।

अब सपने देखता रहता हूं मैं तो बस
सपनों में तुझको ही देखता हूं मैं तो बस
जाने कब होगा मेरा ये इंतज़ार खत्म
तुझे सामने देखना चाहता हूं मैं तो बस।।

एक दिन हकीकत मेरे सपने भी होंगे
आएगा वो समा जब सामने तुम भी होंगे
है यकीन मेरा इंतज़ार होगा खत्म कभी
होगी महफिल, जिसमें साथ तुम भी होंगे।।

ले जायेगी नहीं अब ये मौत भी मुझे
देखना चाहती है शायद वो भी तुम्हें
मेरी मौत का इंतज़ार अब खत्म करो
मिलना चाहती है शायद वो भी तुम्हें।।

बैठा हूं चांदनी में, फिर से मैं आज
इन्तज़ार में है तेरे ये चांद भी आज
नूर तेरा देखना चाहता है ये भी आज
इन्तज़ार खत्म हो, हमारा भी आज।।

Language: Hindi
6 Likes · 2 Comments · 707 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
View all
You may also like:
खूबसूरत जिंदगी में
खूबसूरत जिंदगी में
Harminder Kaur
उदासी
उदासी
DR. Kaushal Kishor Shrivastava
*......सबको लड़ना पड़ता है.......*
*......सबको लड़ना पड़ता है.......*
Naushaba Suriya
* शक्ति स्वरूपा *
* शक्ति स्वरूपा *
surenderpal vaidya
I.N.D.I.A
I.N.D.I.A
Sanjay ' शून्य'
Don't Give Up..
Don't Give Up..
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
*माँ : दस दोहे*
*माँ : दस दोहे*
Ravi Prakash
हौसला
हौसला
Monika Verma
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
कूच-ए-इश्क़ में मुहब्बत की कलियां बिखराते रहना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
आलोचना के द्वार
आलोचना के द्वार
Suryakant Dwivedi
मौज में आकर तू देता,
मौज में आकर तू देता,
Satish Srijan
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
ग़ज़ल _अरमान ये मेरा है , खिदमत में बढ़ा जाये!
Neelofar Khan
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
16)”अनेक रूप माँ स्वरूप”
Sapna Arora
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
मंदिर नहीं, अस्पताल चाहिए
Shekhar Chandra Mitra
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीभ
जीभ
विजय कुमार अग्रवाल
बीता कल ओझल हुआ,
बीता कल ओझल हुआ,
sushil sarna
" बेशुमार दौलत "
Chunnu Lal Gupta
"सुने जो दिल की कहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
कुछ मेरा तो कुछ तो तुम्हारा जाएगा
अंसार एटवी
3318.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3318.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
कौन है जिम्मेदार?
कौन है जिम्मेदार?
Pratibha Pandey
दिल
दिल
इंजी. संजय श्रीवास्तव
"द्रौपदी का चीरहरण"
Ekta chitrangini
दिल को तेरी
दिल को तेरी
Dr fauzia Naseem shad
मुकेश का दीवाने
मुकेश का दीवाने
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
है हमारे दिन गिने इस धरा पे
DrLakshman Jha Parimal
Loading...