इधर कोने मे मेरी वफा रखी है।
ये क्या हालत बना रखी है ।
शायद सबसे निभा रखी है।
खोये खोये से दिखते हो जैसे
आरजू कोई दिल में दबा रखी है।
उधर खूंटी पर है उल्फत तुम्हारी
इधर कोने मे मेरी वफा रखी है।
इश्क़ विश्क की बात ना होगी
होंठों पर उंगली दबा रखी है।
जिन्हे रातरानी समझते थे मन्नू
नागफनी दिलों में उगा रखी है।