इधर-उधर की मिट्टी
इधर-उधर की मिट्टी
-विनोद सिल्ला
ऐ! हवा
ये मिट्टी जो तुम
साथ लाई हो
ये यहाँ की
प्रतीत नहीं होती
तुम चाहती हो मिलाना
उधर की मिट्टी
इधर की मिट्टी में
और इधर की मिट्टी
उधर की मिट्टी में
तभी तो लाती हो
ले जाती हो
सीमा पार मिट्टी
लेकिन कुछ ताकतें हैं
इधर भी
उधर भी
जो नहीं चाहती
इधर-उधर की मिट्टी
आपस में मिले