– “इतिहास ख़ुद रचना होगा”-
शीर्षक – ” इतिहास ख़ुद रचना होगा ”
अंधकार से लड़कर अब आगे बढ़ना होगा ।
कलम उठा इतिहास ख़ुद हमें रचना होगा ।।
बुद्धि बल से अब प्रगति सोपान चढ़ना होगा ।
रोशन हो जाये नाम ,कार्य ऐसा करना होगा ।।
करने होंगे पुण्य हमें , भगवान से डरना होगा ।
दीन-दुखियों, लाचारों के कष्टों को हरना होगा ।।
आँचल हमें परिजनों का ख़ुशियों से भरना होगा ।
धर्म-न्याय के पथ पर हमें आगे आगे चलना होगा ।।
©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी , ” काज़ीकीक़लम ”
28/3/2 , अहिल्या पल्टन , इकबाल कालोनी
इंदौर , मध्यप्रदेश