**= इतिहास दोहराएगा=**
जिन्होंने तुझे बनाया, तराशा,निखारा,
तूने कर लिया उनसे किनारा।
उनके बनाए आशियाने में तूने कैसे डाला खलल,
उन्हें किया है पुराने सामान की तरह बेदखल।
आगे आगे देखना तू बदले वक्त की रज़ा।
देगा वह तुझे कभी न कभी,
इस से भी ज्यादा कड़ी सजा।
तुझे इससे भी तीक्ष्ण निगाहों से देखा जाएगा,
जब इतिहास अपने आप को दोहराएगा।
वो दर्द तब तुझसे न झेला जाएगा।
——रंजना माथुर दिनांक 26/07/2017
(मेरी स्व रचित व मौलिक रचना )
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