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8 Sep 2020 · 1 min read

इतने अवगुण एक साथ

इतने अवगुण एक साथ

पहचान जाता हूँ मैं
अंधभक्तों को
उनकी अतार्किक
भाषा से
अश्लील टिप्पणियों से
सोच के सिमित
दायरे से
उनसे आ रही
सांप्रदायिक बू से
पितृसत्ता समर्थन व
महिला विरोधी सोच से
विषमतावादी आचरण से
लकीर का फकीर
प्रवृत्ति से
यथास्थितिवादिता से
और कर देता हूँ ब्लाक
दैनिक कार-व्यवहार से
फेसबुक पर
मित्र सूचि से
इतने अवगुण
एक साथ कौन झेले

-विनोद सिल्ला

Language: Hindi
4 Likes · 344 Views
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