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Santosh Shrivastava
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29 Mar 2024 · 1 min read
इतनी भी
इतनी भी
ऊंचाई तलक
उडने की
ख्वाहिश मत कर
ऐ नादां इन्सान
कि
तुझे अपना मुकाम भी
नज़र न आये
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