इतना है अरमान हमारा
जीवन गाड़ी ठीक चले बस
इतना है अरमान हमारा
सूरत अच्छी नहीं तो क्या है ?
काम बने पहचान हमारा
गुस्से में ही मर जाता है
अंदर का इंसान हमारा
बहुत शिकायत आती रहती
बेटा है शैतान हमारा
झंडे की बस आन की खातिर
सब कुछ है कुर्बान हमारा
मिट्टी है मिट्टी से जन्मे
मिट्टी सब सामान हमारा
हिंदी बिंदी माथे की सी
हिंदी है अभिमान हमारा
इश्क़ तुम्ही से कर बैठे
दिल बच्चा नादान हमारा
निश्छल नमन करें चरणों में
मात-पिता भगवान हमारा
अनिल कुमार निश्छल