Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Oct 2023 · 1 min read

– इतना ही समय लिखा था कुदरत ने मेरे कथित अपनो के साथ –

– इतना ही समय लिखा था कुदरत ने मेरे कथित अपनो के साथ –

विश्वास करने पर मुझे मिला विश्वासघात,
आज की दुनिया है स्वार्थी में नही सका पहचान,
अपनो की खातिर त्याग दिया जो मेने सुख समृद्धि ऐश्वर्य वैभव का त्याग,
आज मुझको ही दिखा रहे वे अपनी औकात,
मेरी औकात है धन बल छीना उन्होंने मेरे पास,
कहकर भविष्य में तेरे कार्य होने पर देंगे हम तेरा साथ ,
आया जब वक्त साथ देने का सब हुए वचनों से आजाद,
आज मेरी यह बदहाली पर वे मन ही मन करे अटहास,
समय बडा बलवान है वे इस सत्य से है अनजान,
आज अगर आया अपनो की बदौलत समय जो मेरा खराब,
समय का चक्र जो घूमकर देगा मेरा साथ,
जीत लूंगा में एक दिन यह जहां,
क्योंकि लोक व्यवहार है मेरे पास,
में अपने मन को आश्वत करू की शायद मेरा इतना ही समय लिखा था कुदरत ने मेरे कथित अपनो के साथ,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान

Language: Hindi
128 Views

You may also like these posts

*25_दिसंबर_1982: : प्रथम पुस्तक
*25_दिसंबर_1982: : प्रथम पुस्तक "ट्रस्टीशिप-विचार" का विमोचन
Ravi Prakash
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
"पिता दिवस: एक दिन का दिखावा, 364 दिन की शिकायतें"
Dr Mukesh 'Aseemit'
क्या लिखूँ....???
क्या लिखूँ....???
Kanchan Khanna
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
विपरीत परिस्थितियों में भी तुरंत फैसला लेने की क्षमता ही सफल
Paras Nath Jha
रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब।
रुख़ से पर्दा जरा हटा दे अब।
पंकज परिंदा
अहिल्या
अहिल्या
अनूप अम्बर
It always seems impossible until It's done
It always seems impossible until It's done
Naresh Kumar Jangir
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
सिनेमा,मोबाइल और फैशन और बोल्ड हॉट तस्वीरों के प्रभाव से आज
Rj Anand Prajapati
“दो अपना तुम साथ मुझे”
“दो अपना तुम साथ मुझे”
DrLakshman Jha Parimal
*आज का संदेश*
*आज का संदेश*
*प्रणय*
वो स्पर्श
वो स्पर्श
Kavita Chouhan
"अमीर खुसरो"
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्तों की परिभाषा
रिश्तों की परिभाषा
Sunil Maheshwari
कविता
कविता
Neelam Sharma
३ बंदर(३ का पहाड़ा)
३ बंदर(३ का पहाड़ा)
Dr. Vaishali Verma
संवेदना
संवेदना
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
गर्मी और नानी का घर
गर्मी और नानी का घर
अमित
सविनय निवेदन
सविनय निवेदन
कृष्णकांत गुर्जर
मैं और मांझी
मैं और मांझी
Saraswati Bajpai
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
जीवन का अभाव लिखती है
जीवन का अभाव लिखती है
नूरफातिमा खातून नूरी
4059.💐 *पूर्णिका* 💐
4059.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हां ! हमें दुनियादारी नहीं आती ।
हां ! हमें दुनियादारी नहीं आती ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
तैरना है तो सही तैर तैर l
तैरना है तो सही तैर तैर l
अरविन्द व्यास
पढ़े-लिखे पर मूढ़
पढ़े-लिखे पर मूढ़
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
अब तो चरागों को भी मेरी फ़िक्र रहती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तेरा - मेरा
तेरा - मेरा
Ramswaroop Dinkar
प्रश्रयस्थल
प्रश्रयस्थल
Bodhisatva kastooriya
संसद में लो शोर का,
संसद में लो शोर का,
sushil sarna
Loading...