इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी
इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी,
प्राण छूटे तो गम नहीं है।
टूटे तुझसे ये रिश्ता कभी ना,
रूठ जाए ये संसार कम है।…..
सुख हो या हो दुःख कभी,
चरणों मे रहूँ मै तेरे दर यही।….
इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी,
प्राण छूटे तो गम नहीं है।
दूर अब तक ना हो सका तुझसे,
पास मेरे सदा तुम रहे हो।…..
सब कुछ अर्पण तुझ पर कर दूँ,
मेरा क्या है ये सब तेरी कृपा है।…..
इतना विश्वास है तुम पर प्रभु जी,
प्राण छूटे तो गम नहीं है।
दिन ढलता है हर दिन तेरी करुणा से,
विश्वास है की हर रात ढलेगी।…..
मेरा कुछ ना है इस बिसरे जग मे,
बस एक तुम ही हो मेरे प्रभु जी।…
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर।