Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2020 · 1 min read

इतना मत चाहो उसे…

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा,
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा.
हम भी दरिया हैं,
हमें अपना हुनर मालूम है.
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे,
रास्ता हो जाएगा.
कितनी सच्चाई से मुझको जिंदगी ने कह दिया,
तु नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा.
मैं खुदा का नाम लेकर पी रहा हूं दोस्तों,
जहर भी अगर इसमें होगा दवा हो जाएगा…

Language: Hindi
2 Likes · 603 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
भगतसिंह
भगतसिंह
Shekhar Chandra Mitra
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
कागज़ की नाव सी, न हो जिन्दगी तेरी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
क्या देखा है मैंने तुझमें?....
Amit Pathak
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
अनुभव
अनुभव
Sanjay ' शून्य'
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
Shashi kala vyas
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
विषय:- विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
ज़बानें हमारी हैं, सदियों पुरानी
ज़बानें हमारी हैं, सदियों पुरानी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
क्रोध
क्रोध
Mangilal 713
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम।
डॉ.सीमा अग्रवाल
इंसानियत की
इंसानियत की
Dr fauzia Naseem shad
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
किसी राह पे मिल भी जाओ मुसाफ़िर बन के,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
Raju Gajbhiye
दृढ़ निश्चय
दृढ़ निश्चय
विजय कुमार अग्रवाल
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
ये चिल्ले जाड़े के दिन / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
भरत मिलाप
भरत मिलाप
अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि
??????...
??????...
शेखर सिंह
"तू रंगरेज बड़ा मनमानी"
Dr. Kishan tandon kranti
शिव वन्दना
शिव वन्दना
Namita Gupta
"अहङ्कारी स एव भवति यः सङ्घर्षं विना हि सर्वं लभते।
Mukul Koushik
कृतिकार का परिचय/
कृतिकार का परिचय/"पं बृजेश कुमार नायक" का परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जयंत (कौआ) के कथा।
जयंत (कौआ) के कथा।
Acharya Rama Nand Mandal
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
गुम सूम क्यूँ बैठी हैं जरा ये अधर अपने अलग कीजिए ,
Sukoon
आसां  है  चाहना  पाना मुमकिन नहीं !
आसां है चाहना पाना मुमकिन नहीं !
Sushmita Singh
सिलसिला
सिलसिला
Ramswaroop Dinkar
रक्तदान
रक्तदान
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वो भी तन्हा रहता है
वो भी तन्हा रहता है
'अशांत' शेखर
आवारगी
आवारगी
DR ARUN KUMAR SHASTRI
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
23/09.छत्तीसगढ़ी पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
वक्त को कौन बांध सका है
वक्त को कौन बांध सका है
Surinder blackpen
Loading...