Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jul 2022 · 1 min read

इतना तय है

कुछ सोच कर ही
उसने हमें खोया होगा ।
इतना तय है वो बिछड़ के
नहीं रोया होगा ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
4 Likes · 179 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

परिवेश
परिवेश
Sanjay ' शून्य'
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
आचार्या पूनम RM एस्ट्रोसेज
आचार्या पूनम RM एस्ट्रोसेज
कवि कृष्णा बेदर्दी 💔
चन्द्रघन्टा
चन्द्रघन्टा
surenderpal vaidya
4746.*पूर्णिका*
4746.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
प्यार की चंद पन्नों की किताब में
Mangilal 713
"प्यास"
Dr. Kishan tandon kranti
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
वो हमको देखकर मुस्कुराने में व्यस्त थे,
Smriti Singh
मैथिली और बंगाली
मैथिली और बंगाली
श्रीहर्ष आचार्य
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*दिल में  बसाई तस्वीर है*
*दिल में बसाई तस्वीर है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
क्षतिपूर्ति
क्षतिपूर्ति
Shweta Soni
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
निहारिका साहित्य मंच कंट्री ऑफ़ इंडिया फाउंडेशन ट्रस्ट के द्वितीय वार्षिकोत्सव में रूपेश को विश्वभूषण सम्मान से सम्मानित किया गया
रुपेश कुमार
मर्यादा   की   तोड़ते ,
मर्यादा की तोड़ते ,
sushil sarna
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
कौन कहता है छोटी चीजों का महत्व नहीं होता है।
Yogendra Chaturwedi
यारों... फिर ना होगा इंतजार यूँ किसी का !!
यारों... फिर ना होगा इंतजार यूँ किसी का !!
Ravi Betulwala
मानसून
मानसून
Dr Archana Gupta
बचपन याद बहुत आता है
बचपन याद बहुत आता है
VINOD CHAUHAN
रे मन
रे मन
Usha Gupta
भीतर तू निहारा कर
भीतर तू निहारा कर
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
मेरे घर के दरवाजे
मेरे घर के दरवाजे
Minal Aggarwal
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
*युद्ध लड़ सको तो रण में, कुछ शौर्य दिखाने आ जाना (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आया होली पर्व
आया होली पर्व
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
एकादशी
एकादशी
Shashi kala vyas
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
नसीबों का मुकद्दर पर अब कोई राज़ तो होगा ।
Phool gufran
बढ़ता चल
बढ़ता चल
अनिल कुमार निश्छल
■समयोचित_संशोधन😊😊
■समयोचित_संशोधन😊😊
*प्रणय*
गीत- हवा-सी यार है ये ज़िंदगी...
गीत- हवा-सी यार है ये ज़िंदगी...
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...