Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Dec 2020 · 1 min read

इतना घातक सा क्यूँ है कोरोना

क्या वबा से मची तबाही है
ख़ौफ़ है और बदहवासी है

क्या ख़बर क्या ख़बर चली आए
चैन ग़ायब है बेक़रारी है

ये वबा आदमी के द्वारा क्या
एक भेजी हुई सुनामी है

इतना घातक सा क्यूँ है कोरोना
इसको क्या दी गई सुपारी है

कोई बाहर नहीं निकल सकता
शहर भर में ये की मुनादी है

चल के आया है घर वो बाहर से
दूर होने की फिर सज़ा दी है

पर्त दर पर्त ये मरज़ चढ़ता
दाँव पर जाँ लगी हमारी है

कोई हंसता नज़र नहीं आता
सबके चेहरे पे इक उदासी है

आज ‘आनन्द’ ये महामारी
सामने दिख रही क़ज़ा सी है

शब्दार्थ:- वबा=महामारी/epidemic,
क़ज़ा=मृत्यु/मौत/death

डॉ आनन्द किशोर
दिल्ली

12 Likes · 20 Comments · 556 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शायद ...
शायद ...
हिमांशु Kulshrestha
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
******जय श्री खाटूश्याम जी की*******
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
3098.*पूर्णिका*
3098.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वसंत - फाग का राग है
वसंत - फाग का राग है
Atul "Krishn"
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
छोटे बच्चों की ऊँची आवाज़ को माँ -बाप नज़रअंदाज़ कर देते हैं पर
DrLakshman Jha Parimal
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
जब मां भारत के सड़कों पर निकलता हूं और उस पर जो हमे भयानक गड
Rj Anand Prajapati
पैसा सौगात के नाम पर बंटे
पैसा सौगात के नाम पर बंटे
*Author प्रणय प्रभात*
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
कुछ तो बाकी है !
कुछ तो बाकी है !
Akash Yadav
भूखे हैं कुछ लोग !
भूखे हैं कुछ लोग !
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
जब होंगे हम जुदा तो
जब होंगे हम जुदा तो
gurudeenverma198
मुझे लगता था
मुझे लगता था
ruby kumari
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr Shweta sood
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
क्या होगा कोई ऐसा जहां, माया ने रचा ना हो खेल जहां,
Manisha Manjari
बालगीत - सर्दी आई
बालगीत - सर्दी आई
Kanchan Khanna
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
'विडम्बना'
'विडम्बना'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
* धरा पर खिलखिलाती *
* धरा पर खिलखिलाती *
surenderpal vaidya
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
हो गई तो हो गई ,बात होनी तो हो गई
गुप्तरत्न
ईद मुबारक
ईद मुबारक
Satish Srijan
घे वेध भविष्याचा ,
घे वेध भविष्याचा ,
Mr.Aksharjeet
*चरण पादुका भरत उठाए (कुछ चौपाइयॉं)*
*चरण पादुका भरत उठाए (कुछ चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
यही सच है कि हासिल ज़िंदगी का
Neeraj Naveed
विधा - गीत
विधा - गीत
Harminder Kaur
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
ग़ज़ल/नज़्म - हुस्न से तू तकरार ना कर
अनिल कुमार
बेड़ियाँ
बेड़ियाँ
Shaily
भारत का लाल
भारत का लाल
Aman Sinha
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
सुना है सपनों की हाट लगी है , चलो कोई उम्मीद खरीदें,
Manju sagar
Loading...