इजाजत नहीं देता
निगाहें तेरे चेहरे से
मैं हटाता भला कैसे
मासूम सा चेहरा मुझे
इजाजत नहीं देता
तब्बसुम तेरे होठों का
मैं चुराता भला कैसे
मुस्कराहट भरा चेहरा
इजाजत नहीं देता
जी भर के देखने की तुझे
तमन्ना है मेरे दिल की
दुनिया की निगाहों का डर
इजाजत नहीं देता
अब और जी ना पाऊँगा
तेरे बगैर जहां में
जुबां पर एसी बात लाना
इजाजत नहीं देता ।
संजय श्रीवास्तव “सरल”
बालाघाट म.प्र.