इक सेल्फी की खातिर ।
कितनी मैंने कोशिश की है
इक सेल्फी की खातिर ।
बार बार मुख को मटकाया
इक सेल्फी की खातिर ।
अपनी जान खतरे में डाली
इक सेल्फी की खातिर
लाइक की गुहार लगाई
इक सेल्फी की खातिर ।
कभी जान पर बन आई
इक सेल्फी की खातिर
बार बार देते दुहाई
इक सेल्फी की खातिर ।
फिर भी लोगों को न भाई
इक सेल्फी की खातिर ।
टैग लगाया भेष बनाया
सेल्फी तूने क्या क्या करवाया।
इक जुनून सिर पर है छाई
फिर सेल्फी की खातिर ।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र