इक नौ साल के बेटे का सवाल जवाब का सजीव वर्णन
मां क्या बेटियाँ सबको प्यारी लगती हैं
हम बेटे बन कर आए यह बात हमें चुभती है।।
स्कूल में टीवी हर तरफ बेटी ही छायी है
क्या हम बेटों से इतनी दुनिया अघायी है।।
आप भी कहती हैं बेटी होती तो अच्छा था
क्या हम बेटों के लिए आपका प्यार सच्चा था।।
फिर क्यों लाईं आप भी मुझे संसार में
आप भी मार देती बेटी की तरह गर्भाधान में।।
हमने कहा बेटे संस्कार विहीन हो रहे हैं
उसने कहा दादा नाना मामा चाचा भी संस्कार विहीन रहे हैं।।
आपने भी तो भाई को संस्कारों में पाला है
फिर ये क्यों कहती हैं कि सिर्फ लडकियों को ही संस्कारों में ढाला है।।
इसलिए मां मुझे ये बताओ बेटी अच्छी से पक गया हूँ
मैं बेटा बन के आया यह कान सुन सुन कर थक गया हूँ।।
मुझे तो संसार का दोगलापन पसन्द नहीं
आप लोगों का ये भेदभाव का पाखन्ड पसंद नहीं।।
जो आपको मिला है अपनी थाली पंसद नहीं
लार उस पर गिराते जो आपकी थाली में है नहीं।।
आप क्यों मन में मलाल रखतीं हो
जो बहू आए उसे बेटी बना रखती हो।।
अगर ये संसार दामाद को बेटा बना ले
और बहू को बेटी बना ले।।
तो सारा भेदभाव समाप्त होगा
संसार में खुशी का साम्राज्य प्राप्त होगा।।
उसने कहा है न आपका बेटा बुध्दिमान
मै अवाक उस का मुंह देख रही थी
उसकी वाकपटुता से उसे गले लग रही थी।।