Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Mar 2022 · 1 min read

इक नारी हूं मैं

।।इक नारी हूं मैं।।
खुशकिस्मत हूं मैं
कि एक नारी हूं मैं,
इस सृष्टि के कर्ता धर्ता की ,
आभारी हूं मैं,
मुझे नारी जन्म मिला ,
कंधो पर ढेरों जिम्मेदारियां उठाने को,
ईश्वर को विश्वाश था मुझपर,
निभाऊंगी मैं सभी कर्तव्य बखूबी
दो दो कुल का नाम रौशन करने को,
एक बेटी से ले कर बहु का,
एक बहु से ले कर सास का,
एक पत्नी का,
एक माँ का,
एक भाभी का,
एक ननद का ,
सभी रिश्तों का मान बढ़ाऊंगी मैं,
हर मुसीबत का डर के सामना करूंगी,
परिवार पर आंच तक न आने दूंगी,
चट्टान सी अडिग रहूंगी
नदी सी निर्मल,और
पवन सी शीतल रहूंगी,
परिवार के लिए वट वृक्ष बन कर सभी को ठंडी छांव दूंगी,
आई थी तो अकेले ही आई थी इस जहां में,
पर
जाऊंगी तो सभी के दिलों पर राज करूंगी,
एक नारी हूं मैं,
ईश्वर के उपवन की सबसे सुंदर क्यारी हूं मैं।

मधु मूंधडा मल्ल
21/1/2022

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
तुम मेरे हो
तुम मेरे हो
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वादों की तरह
वादों की तरह
हिमांशु Kulshrestha
Khwahish jo bhi ho ak din
Khwahish jo bhi ho ak din
Rathwa Dipak Dipak
"बाजार में"
Dr. Kishan tandon kranti
क्या यही संसार होगा...
क्या यही संसार होगा...
डॉ.सीमा अग्रवाल
भारत का सिपाही
भारत का सिपाही
Rajesh
बर्षो बीते पर भी मन से,
बर्षो बीते पर भी मन से,
TAMANNA BILASPURI
मित्र
मित्र
Dhirendra Singh
हाइकु
हाइकु
भगवती पारीक 'मनु'
सच की माया
सच की माया
Lovi Mishra
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
कभी धूप तो कभी खुशियों की छांव होगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चार पैसे भी नही....
चार पैसे भी नही....
Vijay kumar Pandey
छल ......
छल ......
sushil sarna
भालू,बंदर,घोड़ा,तोता,रोने वाली गुड़िया
भालू,बंदर,घोड़ा,तोता,रोने वाली गुड़िया
Shweta Soni
जा रहा हु...
जा रहा हु...
Ranjeet kumar patre
"छोटे से गमले में हैं संभलें पौधे ll
पूर्वार्थ
4392.*पूर्णिका*
4392.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
एहसास
एहसास
Dr. Rajeev Jain
तुझसे है कितना प्यार
तुझसे है कितना प्यार
Vaishaligoel
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
बिगड़ी छोटी-छोटी सी बात है...
Ajit Kumar "Karn"
गांव की गौरी
गांव की गौरी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
** लगाव नहीं लगाना सखी **
** लगाव नहीं लगाना सखी **
Koमल कुmari
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
इस ज़िंदगी ने तो सदा हमको सताया है
Dr Archana Gupta
बेबस कर दिया
बेबस कर दिया
Surinder blackpen
बारिशों  के  मौसम  में
बारिशों के मौसम में
shabina. Naaz
कहां गए (कविता)
कहां गए (कविता)
Akshay patel
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
चचा बैठे ट्रेन में [ व्यंग्य ]
कवि रमेशराज
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
रक्षाबंधन एक बहन का एक भाई के प्रति सुरक्षा चक्र और विश्वास
Rj Anand Prajapati
Loading...