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26 Jun 2024 · 1 min read

इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,

इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
बड़े अरसे बाद ज़िंदगी मुझसे लिपट कर रोती है
हम भी यूं बेसुध पड़े थे कब सामना हो ज़िंदगी से,
पास आकर अपने एहसासों से वो नैन भिगोती है

©️ डॉ. शशांक शर्मा

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