इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
बड़े अरसे बाद ज़िंदगी मुझसे लिपट कर रोती है
हम भी यूं बेसुध पड़े थे कब सामना हो ज़िंदगी से,
पास आकर अपने एहसासों से वो नैन भिगोती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
बड़े अरसे बाद ज़िंदगी मुझसे लिपट कर रोती है
हम भी यूं बेसुध पड़े थे कब सामना हो ज़िंदगी से,
पास आकर अपने एहसासों से वो नैन भिगोती है
©️ डॉ. शशांक शर्मा