इक दिल के दो टुकड़े
कभी प्यार छूटा
तो कभी साथ छूटा
दिल था हमरा भी क़भी ऐक
पर वो भी दो टुकड़ों में टूटा
इक टूटा दिल तूमने रखा
तो दूसरा हमरे पास था छूटा
इन टूटे दिलो ने जुड़ना खूब चाहा ! मग़र….
हमरा भाग्य था हमसे रूठा
हमरे टूटे दिल भले दूर ही सही
पर धड़कना इक-दूसरे के लिए कभी न छूटा
क्यों कि हमरी तू राधे थी
मैं तोहरा किशन था दूजा
प्यार था हमरा सच्चा
न था कभी झूठा !
न था कभी झूठा !