Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 1 min read

इक क्षण

इक क्षण…….

दौड़ता सा इक क्षण
ठहरता कभी पल
सिमटे रूचिर तन
सहमे चंचल मन
मौन पुरानी दीवार
बंद खिड़की किवाड़
मजमा नित अनाम
ठहरी स्याह सी निश
लौ विहीन उजास
तड़पे मन भीतर
नयन लगाये आस
सुना सा अनाम पथ
ना उभरे पद्चाप
चलती रुकती साँस
बेचैनी तड़प प्यास
बन नीरव अधर
नवागत परिहास
फिर नई ये सुबह
अलहदा सा प्रभात।।

✍️”कविता चौहान”
स्वरचित एवं मौलिक

1 Like · 2 Comments · 197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
गर्व की बात
गर्व की बात
Er. Sanjay Shrivastava
उफ़,
उफ़,
Vishal babu (vishu)
23/42.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका* 🌷गाथे मीर ददरिया🌷
23/42.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका* 🌷गाथे मीर ददरिया🌷
Dr.Khedu Bharti
"चली आ रही सांझ"
Dr. Kishan tandon kranti
बैठ गए
बैठ गए
विजय कुमार नामदेव
युग युवा
युग युवा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई
तक्षशिला विश्वविद्यालय के एल्युमिनाई
Shivkumar Bilagrami
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
🙏माॅं सिद्धिदात्री🙏
पंकज कुमार कर्ण
मजदूर का बेटा हुआ I.A.S
मजदूर का बेटा हुआ I.A.S
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
होठों पे वही ख़्वाहिशें आँखों में हसीन अफ़साने हैं,
शेखर सिंह
प्रेम
प्रेम
Dr.Priya Soni Khare
छोटी-छोटी खुशियों से
छोटी-छोटी खुशियों से
Harminder Kaur
दस्ताने
दस्ताने
Seema gupta,Alwar
Tum likhte raho mai padhti rahu
Tum likhte raho mai padhti rahu
Sakshi Tripathi
फ़ितरत अपनी अपनी...
फ़ितरत अपनी अपनी...
डॉ.सीमा अग्रवाल
गीत
गीत
Shiva Awasthi
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नारी का अस्तित्व
नारी का अस्तित्व
रेखा कापसे
*समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ ग
*समारोह को पंखुड़ियॉं, बिखरी क्षणभर महकाती हैं (हिंदी गजल/ ग
Ravi Prakash
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
"सत्य"
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
जाते जाते मुझे वो उदासी दे गया
Ram Krishan Rastogi
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता
साहित्यकार ओमप्रकाश वाल्मीकि की याद में लिखी गई एक कविता "ओमप्रकाश"
Dr. Narendra Valmiki
लक्ष्मी-पूजन
लक्ष्मी-पूजन
कवि रमेशराज
जिस नारी ने जन्म दिया
जिस नारी ने जन्म दिया
VINOD CHAUHAN
अब हक़ीक़त
अब हक़ीक़त
Dr fauzia Naseem shad
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
Don't let people who have given up on your dreams lead you a
पूर्वार्थ
पति-पत्नी, परिवार का शरीर होते हैं; आत्मा तो बच्चे और बुजुर्
पति-पत्नी, परिवार का शरीर होते हैं; आत्मा तो बच्चे और बुजुर्
विमला महरिया मौज
*जाड़े की भोर*
*जाड़े की भोर*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
Loading...