इंसाफ हो गया है।
आज देखो तो इंसाफ हो गया है।
उसको भी किसी ने आज बेवफ़ा जो कह दिया है।।1।।
बेरहम को इश्क में तड़पते देखा।
थोड़ा ही सही पर सुकूं मेरे भी दिलको हो गया है।।2।।
इश्क ए वफ़ा मेरी रंग लेकर आई।
तुमने हमें तन्हाई में आज यूं याद जो कर लिया है।।3।।
हां मैंने ही दुआ मांगी थी तेरे रोने की।
आज तू किसी के इश्क में इस कदर जो रो दिया है।।4।।
मिलेगी तुमको सज़ा बारोज ए हश्र।
यूं जीते जागते हुए इंसा को खुदा जो कह दिया है।।5।।
यूं तो बड़ी बेदर्द शाम ए महफिल थी।
शुक्रिया आकर तुमने इसे रोशन जो कर दिया है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ