इंसान VS महान
इंसान VS महान
इंसान बनना हमारे वश में होता है, हमें इंसान बनने, बने रहने के लिए निरंतर प्रयत्न रत होना होता है, जबकि महान बनना कतई हमारे वश में नहीं होता।
महान बनाना लोगों का काम है, ख़ुद का नहीं। अलबत्ता, हमारे कर्मों में लोग महानता ढूंढ़ लेते हैं तो हम महान कहलाते हैं।
इंसान होना हमेशा एक आब्जेक्टिव धारणा होना चाहिए, जबकि महान होना सर्वथा सब्जेक्टिव!