इंसान भी फिर इंसान
काश़ दुआ यह कबूल हो जाए।
ख़त्म नफ़रतों का वजूद हो जाएं ।
बदल ले सोच जो अगर अपनी ।
इंसान भी फिर इंसान हो जाए ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
काश़ दुआ यह कबूल हो जाए।
ख़त्म नफ़रतों का वजूद हो जाएं ।
बदल ले सोच जो अगर अपनी ।
इंसान भी फिर इंसान हो जाए ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद