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28 Sep 2018 · 1 min read

इंसानियत ……..

धर्म और जाति में अब तक बटे है लोग
पाखंड की तलवार से कितने कटे है लोग

इंसानियत की बाते तो हर चौराहे होती है
दिल ही दिल में अपनाही धर्म रटे है लोग

खुली आँखों से यहां सच दबाया जाता है
झूठी ही बातो को सच करने डटे है लोग

तड़प रहा मरता कोई जान कौन बचाएगा
जाने क्यों गैर समझकर परे हटे है लोग

देख तमाशा इंसानों का शशी हुआ हैरान
मानवता भुलाकर के खुदमें सिमटे है लोग
———————//**–
शशिकांत शांडिले, नागपुर
भ्र.९९७५९९५४५०

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 375 Views

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