इंतज़ार ए इश्क
तेरे इश्क़ में फना ये जिंदगी कर ली
तेरी मोहब्बत के काबिल ना हुए हम
दर बदर ठोकरे खाई हमने तमाम उम्र
नसीब में फिर भी तेरा दर ना आया
पास से वो गुजर गए यूँ नज़रे चुरा कर
पर एक मीठा सा अहसास करा गए
मिलने की चाहत में गुजर रही ये उम्र
शायद कभी एक खूबसूरत मोड़ आ जाये
वीर कुमार जैन
17 जुलाई 2021