इंतेजार तेरा है
मेरे मैं को हम करने, को इंतेजार तेरा है
ओझल करती तम हरने, को सबेरा तू मेरा है
पूरा संग जन्म करने, को इंतेजार तेरा है
साथ कई कदम चलने, को सफर राह तू मेरा है
बुलाना तुझे संगिनी सनम होने,को इंतेजार तेरा है
निभाना साथ वचन कसम, को वदा तू मेरा है
मेरे मैं को हम करने, को इंतेजार तेरा है
दो नज़र का एक ख्वाब, को आँखों का बसेरा है
सफर में कुछ तय करने, को हमसफर अब तू मेरा है
मेरे मैं को हम करने, को इंतेजार तेरा है
तू मेरी परिधि, मैं तेरा मर्यादा, को तू संसार सारा है
गर्मी में तू आँचल, शीत का मैं शाल्, को अब नये ऋत् का बेड़ा है l
मेरे मैं को हम करने, को इंतेजार तेरा है
इन कल्पनाओ कि हकीकत, को अब किसी ने छेड़ा है
कोरे कागज पे पहली दफा, को शब्द किसी ने उकेरा है
मेरे मैं को हम करने, को इंतेजार तेरा है
संगिनी