इंतजार
कहते हैं कि इंतजार ,
करना व करवाना ,
दोनों अच्छे लगते हैं।
पर तब जब दो ,
दिल मिलते हैं ।
लेकिन यदि किसी को,
किसी बस के इंतजार,
में खड़ा होना पड़े ।
तो उनके ऊपर तो।
मानो उम्र भर का रोना पड़े ।
मैं पिछले 2 घंटे से खड़ी हूं,
बस के इंतजार में।
एक बस जाती थी,
वह भी छूट गई मुझसे,
दो बातों की तकरार में ।
एक फोटो है यहां पर,
खड़ा बड़ी देर से ।
कहता है मैं तब जाऊंगा ,
जब सवारियां आएंगी ढेर से।
अब मैं खड़ी हूं परेशान सी।
न बैठने के लिए जगह है,
और ना बात करने को है,
कोई जान पहचान सी।