Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 1 min read

इंतजार…❣️

इंतजार का है ये दर्द,
मिलने की हो रही है आस,
अब तो समझ नहीं आता,
कब होगा वो सुनहरा सास।

बैठे-बैठे दिन गुजरते हैं,
पर उम्मीद हमेशा रहती है,
कुछ न कुछ तो होता है,
हर सांस में वो महसूस होती है।

कहीं कुछ तो करता होगा,
वो भी तो इंतजार करता होगा,
पर क्यों नहीं मिलते हम,
क्यों साथ नहीं चलते हम।

कुछ अनकहे पल होते हैं,
जिनकी कहानी कुछ और होती है,
पर उनका महसूस करना ही,
हमारे इंतजार को सही होती है।

इंतजार का है ये दर्द,
मिलने की हो रही है आस,
अब तो समझ नहीं आता,
कब होगा वो सुनहरा सास।

Vishal babu..✍️✍️✍️

Language: Hindi
135 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बसंत
बसंत
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
* ऋतुराज *
* ऋतुराज *
surenderpal vaidya
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
खोदकर इक शहर देखो लाश जंगल की मिलेगी
Johnny Ahmed 'क़ैस'
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
थोड़ी कोशिश,थोड़ी जरूरत
Vaishaligoel
वृद्धावस्था
वृद्धावस्था
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
चाँद
चाँद
लक्ष्मी सिंह
सितमज़रीफ़ी
सितमज़रीफ़ी
Atul "Krishn"
उठो पुत्र लिख दो पैगाम
उठो पुत्र लिख दो पैगाम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
जो परिवार और रिश्ते आपने मुद्दे आपस में संवाद करके समझ बूझ
जो परिवार और रिश्ते आपने मुद्दे आपस में संवाद करके समझ बूझ
पूर्वार्थ
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
Anil chobisa
"चुलबुला रोमित"
Dr Meenu Poonia
श्वान संवाद
श्वान संवाद
Shyam Sundar Subramanian
दिल से ….
दिल से ….
Rekha Drolia
2558.पूर्णिका
2558.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
ख़ुश-फ़हमी
ख़ुश-फ़हमी
Fuzail Sardhanvi
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
In adverse circumstances, neither the behavior nor the festi
सिद्धार्थ गोरखपुरी
धरातल की दशा से मुंह मोड़
धरातल की दशा से मुंह मोड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
मोहब्बत के लिए गुलकारियां दोनों तरफ से है। झगड़ने को मगर तैयारियां दोनों तरफ से। ❤️ नुमाइश के लिए अब गुफ्तगू होती है मिलने पर। मगर अंदर से तो बेजारियां दोनो तरफ से हैं। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तुम्हारा साथ
तुम्हारा साथ
Ram Krishan Rastogi
मुझको कबतक रोकोगे
मुझको कबतक रोकोगे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
जिसकी तस्दीक चाँद करता है
जिसकी तस्दीक चाँद करता है
Shweta Soni
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
शिवाजी गुरु समर्थ रामदास – बाल्यकाल और नया पड़ाव – 02
Sadhavi Sonarkar
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
Sampada
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
*धन व्यर्थ जो छोड़ के घर-आँगन(घनाक्षरी)*
Ravi Prakash
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
रेत सी जिंदगी लगती है मुझे
Harminder Kaur
#तुम्हारा अभागा
#तुम्हारा अभागा
Amulyaa Ratan
"स्टिंग ऑपरेशन"
Dr. Kishan tandon kranti
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
रमेशराज के पशु-पक्षियों से सम्बधित बाल-गीत
कवि रमेशराज
Loading...