इंतजार~खतों का
तुम्हारे खतों का इंतजार करेंगे हम
शायद आने की खबर मिल जाए
बातें सबसे किया करेंगे
शायद तुम्हारा ज़िक्र मिल जाए
यूं तो तन्हाई हुआ करेगी
जिंदगी में
और होठों से मुस्कुरायेंगे भी
रोयेंगे भी दिल ही दिल में
आंसुओं में तू अगर मिल जाए
तुम्हारे खतों का इंतजार करेंगे हम
शायद आने की खबर मिल जाए
यूं तो महफ़िल भी हुआ करेंगी
और अकेलापन भी होगा
यादें भी होंगी बातें भी होंगी
और हमारा पागलपन भी होगा
मंजिल वही होगी
रास्ता वही होगा
इंतजार होगा शायद हमसफर मिल जाए
बातें सबसे किया करेंगे
शायद तुम्हारा ज़िक्र मिल जाए
… भंडारी लोकेश