इंतज़ार का मर्ज है संगीन
इंतज़ार का मर्ज है संगीन
रास किसी को आता नहीं
कोई अँधेरों में गुज़ारें शामें
कोई करे महफ़िलें रंगीन
चित्रा बिष्ट
इंतज़ार का मर्ज है संगीन
रास किसी को आता नहीं
कोई अँधेरों में गुज़ारें शामें
कोई करे महफ़िलें रंगीन
चित्रा बिष्ट