आ रहे हैं बुद्ध
आज-कल तो पूरी दुनिया में
छा रहे हैं बुद्ध
तुम स्वागत की कर लो तैयारी
आ रहे हैं बुद्ध…
(१)
नफ़रत की आग में कहीं
पूरी मानवता न जल जाए
जंगों के शोर में अमन के नगमें
गा रहे हैं बुद्ध…
(२)
जिन्हें सदियों तक इंसाफ़ और
अधिकार नहीं मिला कोई
ऐसे दबे और कुचले लोगों को
भा रहे हैं बुद्ध…
(३)
लदने वाले हैं दिन अब तो
ऊंच-नीच और जात-पात के
एक नया सबेरा सबके लिए
ला रहे हैं बुद्ध…
(४)
ये मुल्क, क़ौम और नस्ल की
सारी दीवारें लांघ कर
सबके दिलों में अपनी जगह
बना रहे हैं बुद्ध…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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