आ रहा इंकलाब
दोहरा रहा है इतिहास
फिर से अपने आप को!
माफ़ किया न जा सकेगा
कभी ऐसे अपराध को!!
क्या सुन सकेंगे हुक़्मरान
इस वक़्त की फ़रियाद को!
मैं देख रहा हूं दूर से
आते हुए इंकलाब को!!
#Gujarat #हल्ला_बोल #सियासत #शायरी
दोहरा रहा है इतिहास
फिर से अपने आप को!
माफ़ किया न जा सकेगा
कभी ऐसे अपराध को!!
क्या सुन सकेंगे हुक़्मरान
इस वक़्त की फ़रियाद को!
मैं देख रहा हूं दूर से
आते हुए इंकलाब को!!
#Gujarat #हल्ला_बोल #सियासत #शायरी