आ जाओ गणराज
“आ जाओ गणराज”
आ जाओ गणपति गणनायक
लेकर प्रभुजी अपने सारे साज।
तुम हो कहलाते विघ्नहर्ता प्रभु
अब हर लो तुम सबके दुख को।
झोली फैलाये खड़े सब अपनी
कृपा करो अब उनको सुख हो।
दिखलाओ गणेश अपनी शक्ति
हे दयावंत गणनायक महाराज।
ले मूषकवाहन आओ उमासुत
सबके मन को हर्षित कर दो।
देखो जीवन कितना दुष्कर है
सुख से सबकी झोली भर दो।
प्रथमपूज्य मंगलकर्ता गणेश
जग यह तुमको पुकारे आज।
बाधा अनेकों घेरे खड़ी प्रभु
व्याकुल मानव राह न सूझे।
दुखियारे दुख की व्याधा को
तुम बिन और कौन अब बूझे।
आज पुकारें राह निहारें सब
शिवसुत आ जाओ गणराज।
डाॅ सरला सिंह “स्निग्धा”
दिल्ली