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23 Aug 2021 · 1 min read

* आ जाओ कान्हा *

नैन तरसते हैं, दिल ये रोता है।
अब तो आ जाओ कान्हा,
दरस दिखा जाओ कान्हा।

मन बेचैन है, खुशी ना भाती है।
आत्मा अब तो, प्रियतम तुमसे मिलना चाहती है, चारों तरफ अब तो छाया है अंधेरा।
अब तो आजो कान्हा, दरस दिखा जाओ कान्हा।

पाप बढ़ गया घट से ऊपर ,
जिंदा है लोग बस पैसे को लेकर ।
द्रोपती कल भी लाचार थी ,
आज भी लाचार है ।
इंसान बन बैठा हे खुदा ।
अब तो आजा ओ कान्हा ,
दरस दिखा जा ओ कान्हा।

दिल रोता रहता है ,
तेरी मूरत को नयन टकटकी लगाए ,
तक ते रहते हैं ।
सुबह से शाम आ जाती है ,
पर तु नहीं है आता ।
अब तो आ जाओ कान्हा,
दरस दिखा जा ओ कान्हा।

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 268 Views
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