आ चलें हम भी, इनके हम साथ रहें
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आ चलें हम भी, इनके हम साथ रहें।
यह फिजां, यह रौनक, हमारे साथ रहें।।
आ चलें हम भी,———————–।।
महकती वादी हो अपनी, जहाँ हम रहते हैं।
शमा हो रोशन वहाँ पर, हम यह चाहते हैं।।
अपने घर भी हो खुशी, गम से हम दूर रहें।
आ चलें हम भी,———————–।।
सफर हो अपना सुहाना, अपना यह ख्वाब है।
शहर आबाद हो अपना, दिल का यह ख्वाब है।।
स्वर्ग हो अपनी जमीं पे, अमन दिल में भी रहें।
आ चलें हम भी,————————।।
चांद- सितारों की तरह, अपनी भी हस्ती हो।
सबकी तरहां प्यारी, अपनी भी बस्ती हो।।
हम भी पंछी की तरहां, गगन की सैर करें।
आ चलें हम भी,———————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान(