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8 Oct 2023 · 1 min read

आ गया है मुस्कुराने का समय।

आ गया है मुस्कुराने का समय।
कुछ नया कर के दिखाने का समय।
ओस में भीगी हुई कलियां सभी।
चाहती हैं खूब खिलने का समय।
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य, ०८/१०/२०२३

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