आफ़तों का बारिशनामा
दिन-रात की बारिश से
यास चक्रवात से
दो लाख से अधिक की
पुस्तकें, पत्र-पत्रिकाएँ
भींग गई….
घर की टीनवाली छत
कई जगह से
रिस रही है,
चू रही है….
पुस्तकप्रेमी के पास
ढंग का मकान नहीं
कि ऐसे आफ़तों के
बारिश से
पुस्तकालय
सुरक्षित-संरक्षित रह पाए !