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5 Aug 2020 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

मिल जाए अगर फुरसत’ श्री राम’से
गौर फ़रमाईएगा हुजूर ज़रा अवाम पे।
जुगाड़ ज़िंदा रहने का कर दें हमारा
फ़िर मंदिर भी बनाईयेगा धूमधाम से।
भला कौन है जो रोकेगा आपको यहाँ
बस रोजी-हो तो हम भी जाएं काम पे।
हम भी कर सकें दर्शन राम लला के
घर परिवार भी चला सकें आराम से ।
मंदिर-मस्जिद की निर्माण से हमें क्या
कहाँ शिकायत है। अपने हुक्काम से।
आज भी अजय तुम बाज नहीं आए
क्या तुम्हें उकसाया गया है इनाम से।
-अजय प्रसाद

2 Likes · 1 Comment · 160 Views
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