आज़ाद गज़ल
कुछ तो अच्छा रहने दो
दिल को बच्चा रहनें दो
बेहद शराफत ठिक नहीं
कुछ तो लुच्चा रहने दो ।
आग,पानी ओ हवा जैसे
खुद को सच्चा रहने दो ।
इश्क़ में मत पूछो यारों
खा गया गच्चा रहने दो ।
तुम से न होगी ये वगावत
मन से हो कच्चा रहने दो ।
-अजय प्रसाद