आज़ाद गज़ल
अब देखना ये है कि ऊँट किस करवट बैठता है
हाथ,हाथी,सायकिल या फिर कमल खिलता है।
वही जनता,वही वायदे,वही रैलियाँ और हैं नेता
देखिए अब ज्म्हुरियत का दम कैसे निकलता है।
चुनाव के चिकने घड़े पर रहनूमाई के बहाने ही
वयान वाज़ी के नाम पर कैसे ज़ुबाँ फिसलता है।
सियासत कर रहें सब अपने-अपने सहूलियत से
मगर जादू इलेक्शन में देखिए किसका चलता है।
क्यों फिक्र करता है अजय चुनावी नतीजों का
तेरा घर परिवार तो सिर्फ़ तेरी मेहनत से पलता है।
-अजय प्रसाद