Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2022 · 1 min read

आज़ाद गज़ल

आदमी को ओहदे से पहचानता है
यही तो दोस्तों उसकी महानता है।
चुकता नहीं कभी भी चापलूसी से
मौके का फायदा उठाना जानता है।
हरफनमौला है शख्सियत उसकी
वक्त मुताबिक गर ढलना जानता है।
क्या देगा कोई दगा उस शख्स को
खुद को संभालना जो जानता है ।
अंधेरे कुछ नहीं बिगाड़ सकते तेरा
अंदर से तू अजय जलना जानता है
-अजय प्रसाद

1 Like · 183 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उम्र का एक
उम्र का एक
Santosh Shrivastava
बलिदान
बलिदान
लक्ष्मी सिंह
हारता वो है जो शिकायत
हारता वो है जो शिकायत
नेताम आर सी
जवानी
जवानी
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
कोई नही है अंजान
कोई नही है अंजान
Basant Bhagawan Roy
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
घिरी घटा घन साँवरी, हुई दिवस में रैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
2786. *पूर्णिका*
2786. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
आज के दौर के मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
सम्बन्ध (नील पदम् के दोहे)
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
तुम्हें क्या लाभ होगा, ईर्ष्या करने से
gurudeenverma198
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
तभी लोगों ने संगठन बनाए होंगे
Maroof aalam
"इंसानियत की लाज"
Dr. Kishan tandon kranti
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
ठंड से काँपते ठिठुरते हुए
Shweta Soni
जीत से बातचीत
जीत से बातचीत
Sandeep Pande
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
आप वो नहीं है जो आप खुद को समझते है बल्कि आप वही जो दुनिया आ
Rj Anand Prajapati
मैं तो महज इतिहास हूँ
मैं तो महज इतिहास हूँ
VINOD CHAUHAN
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
मैं ढूंढता हूं रातो - दिन कोई बशर मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
इक इक करके सारे पर कुतर डाले
ruby kumari
हम फर्श पर गुमान करते,
हम फर्श पर गुमान करते,
Neeraj Agarwal
कोना मेरे नाम का
कोना मेरे नाम का
Dr.Priya Soni Khare
चलो, इतना तो पता चला कि
चलो, इतना तो पता चला कि "देशी कुबेर काला धन बांटते हैं। वो भ
*प्रणय प्रभात*
दाम रिश्तों के
दाम रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
तू  फितरत ए  शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
तू फितरत ए शैतां से कुछ जुदा तो नहीं है
Dr Tabassum Jahan
लोकशैली में तेवरी
लोकशैली में तेवरी
कवि रमेशराज
सावन का महीना है भरतार
सावन का महीना है भरतार
Ram Krishan Rastogi
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
रूबरू मिलने का मौका मिलता नही रोज ,
Anuj kumar
कितनी प्यारी प्रकृति
कितनी प्यारी प्रकृति
जगदीश लववंशी
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
वो लिखती है मुझ पर शेरों- शायरियाँ
Madhuyanka Raj
Loading...