आज़ाद गज़ल
साहब को सुहाता नहीं
मक्खन जो लगाता नहीं ।
जब नाकाम उसने कहा
दिल को आजमाता नहीं ।
हैं वो अब भी मशहूर तो
बिन पूछे मै जाता नहीं ।
सब अपने मुताबिक रहे
कोई मुझ से नाता नहीं ।
बेमतलब अजय कोई तो
तुम से मिलने आता नहीं ।
-अजय प्रसाद
साहब को सुहाता नहीं
मक्खन जो लगाता नहीं ।
जब नाकाम उसने कहा
दिल को आजमाता नहीं ।
हैं वो अब भी मशहूर तो
बिन पूछे मै जाता नहीं ।
सब अपने मुताबिक रहे
कोई मुझ से नाता नहीं ।
बेमतलब अजय कोई तो
तुम से मिलने आता नहीं ।
-अजय प्रसाद