आज़ाद गज़ल
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मुझे नाकाम रहने दे
अभी गुमनाम रहने दे ।
भले नफरत से देखे वो
मुझे बदनाम रहने दे ।
मेरी तकलीफें तो खुश हैं
अभी आराम रहने दे ।
पढूंगा मैं भी ,आँखों में
तेरा पैगाम रहने दे ।
ज़रा जी लूँ मैं गफ़लत में
अभी तू ,जाम रहने दे ।
खुशी में तेरी, खुश हूँ मैं
मुझे बे-नाम रहने दे
अजय तू भूल जा सब कुछ
हसीं ये शाम रहने दे ।
-अजय प्रसाद