आज़ाद गज़ल
इस कदर हम से खफ़ा है वो
जिंदा रहने की देता दुआ है वो ।
ख्व़ाब कोई न पनप जाए कहीं
हैसियत मेरी बता देता है वो ।
डरता रहता हूँ तन्हा होने से मैं
अपनी यादों में बुला लेता है वो ।
नामुमकिन है बचना यारों उससे
खूबसूरत हसीन इक बला है वो ।
फूल,तितली, खुशबू,या है तारा
अब क्या कहें अजय क्या है वो ।
-अजय प्रसाद