आज़ादी की लिए पताका
आज़ादी की लिए पताका,
घर-घर अलख जगाये जा।
वन्दे मातरम् वन्दे मातरम्,
बस इसको ही गाए जा।।1।।
देख ज़रा कुछ देश को अपने,
तू मन ही मन मुस्काए जा।
राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र धर्म का ,
अब परचम तू लहराए जा।।2।।
पूण्य धरा की पावन मिट्टी,
इसका तू लाल कहाऐ जा।
अब मातृभूमि की रक्षा हेतु
तू अपना रक्त बहाये जा।।3।।
जो झांके अपने इस घर मे,
तू उसको सबक सिखाये जा।
तुझमे भी साहस अपार है,
ये दुश्मन को दिखलाये जा।।4।।
गर्व करो तुम भारतवासी,
शौर्य को अपने बढ़ाये जा,
विश्व गुरु और विश्व शक्ति बन,
दुनिया को पाठ पढ़ाये जा।।5।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार