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14 Aug 2018 · 1 min read

आज़ादी की पूर्व संध्या

रात बड़ी उल्लास में ,
लिये सुबह की आस ।
भोर यहाँ लहरायगा ,
राष्ट्रध्वज आकाश ।

धरा अपनी झूमेगी,
झूमेगा आकाश ।
फैलाएगा भानू भी ,
झूम धवल प्रकाश।
विवेक दुबे”निश्चल”@..

Language: Hindi
389 Views
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