आहिस्ता उतरते – उतरते,
आहिस्ता उतरते – उतरते,
पूरे दिल पर कब्ज़ा किया।
जबसे माशूक बन बैठी तन्हाई,
दिल ने टूट कर मुहब्बत किया।।
– ओश
आहिस्ता उतरते – उतरते,
पूरे दिल पर कब्ज़ा किया।
जबसे माशूक बन बैठी तन्हाई,
दिल ने टूट कर मुहब्बत किया।।
– ओश